ज़रा दिल के दरवाजा को तुम खोल के देखो
वहाँ हूँ की नहीं हूँ मैं थोडा नजर रखो ।
ये जमाना है मुश्किलों की कोई न रहा है किस का
ज़रा दिल के दरवाजा को तुम खोल के देखो...........
दिल के ऊपर हाथ थमाकर ढूंडता हूँ कंहा तुम
वहाँ हूँ की नहीं हूँ मैं थोडा नजर रखो ।
ये जमाना है मुश्किलों की कोई न रहा है किस का
मैं कैसे समझू तुम्हारा हूँ अब नहीं हूँ था मैं जिस का
ओ मेरे प्यारे न्यारे दिल को तुम संभलके रखो ।।ज़रा दिल के दरवाजा को तुम खोल के देखो...........
दिल के ऊपर हाथ थमाकर ढूंडता हूँ कंहा तुम
कभी कभी मेरे दिल के अन्दर हो ही जाती हो गुम
वो मेरी प्यारी यारी अव तुम जिंदगी को जीना सीखो ।।
ज़रा दिल के दरवाजा को तुम खोल के देखो...........
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